दिल्ली सरकार और खास तौर से परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की महत्वाकांक्षी प्रीमियम बस एग्रीगेटर स्कीम के तहत जल्द ही बसों का परिचालन शुरू करने के लिए परिवहन विभाग ने पहला लाइसेंस जारी कर दिया है। विभाग ने बस सेवा शुरू करने के लिए आवेदन करने वाले तीन कंपनियों आवेग, चलो और उबर में से आवेग को लाइसेंस जारी कर दिया है। कंपनी को अप्रैल के अंत तक सड़क पर बसें उतार देने का समय दिया गया है। इस स्कीम में काम पर तेजी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा जनवरी में ली गई बैठक के बाद आई है, जिन्होंने इस स्कीम के तहत जल्द से जल्द जाइसेंस जारी करने का निर्देश दिया था।
परिवहन विभाग के अनुसार अभी तक इस सेवा के लिए प्रमुख रूप से तीन कंपनियों ने रुचि दिखाई है और अपने दस्तावेज जमा कराए हैं। हालांकि तीन अन्य कंपनियां भी परिवहन विभाग के संपर्क में हैं मगर उनके अभी बात चल रही है। पहले इस स्कीम के तहत मार्च तक बसें सड़को पर उतार देने की योजना थी। जिस कंपनी को लाइसेंस मिला है उसे इस स्कीम के तहत 25 बसों का पहला बेड़ा सड़क पर लाना है। यह बसें 30 अप्रैल से पहले ही सड़कों पर उतारनी होंगी।
स्कीम के अनुसार जिस कंपनी को लाइसेंस मिलेगा, उसे कम से कम 25 बसों का फ्लीट संचालित करना होगा। बस के रूट और किराया आपरेटर खुद तय करेंगे और किराया डिजिटल माध्यम से लेना होगा। बसों के लिए सीट पहले ही बुक करनी होगी। बसों में यात्री को सीट मिलने की गारंटी होगी और बसों में खड़े होकर यात्रा की अनुमति नहीं। बसों में सुरक्षा के सभी इंतजाम और कुशल ड्राइवर रखने जरूरी है।