आपकी जानकारी हेतु बता दें पहले भारत देश में एलएमवी कमर्शियल, आटो, टैक्सी की अलग श्रेणी थी और उसी श्रेणी में ही ड्राईवर बेज भी लेना अनिवार्य था पर उच्चतम न्यायालय की एकल बेंच के द्वारा एक वाहन मालिक द्वारा इंश्योरेंस कंपनी द्वारा क्लेम ना देने के खिलाफ केस में दिशा निर्देश जारी किया था की एक ही श्रेणी के वाहनों में प्राइवेट एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस होने पर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से मना नहीं कर सकती जिसके बाद एलएमवी ड्राइविंग लाइसेंस में कमर्शियल, ऑटो और टैक्सी श्रेणी को बंद कर परिवहन विभाग द्वारा एलएमवी के ही लाइसेंस पर कमर्शियल वाहनों को चलाने की इजाजत दे दी थी।
बजाज इंश्योरेंस कंपनी द्वारा उच्चतम न्यायालय के एकल बेंच द्वारा जारी इस आदेश को डबल बेंच में विरोध दर्ज कर अपनी पिटीशन में बताया की ऑटो द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देकर एलएमवी श्रेणी का ड्राइविंग लाइसेंस लेकर मिनी बस, टूरिस्टर कोच, टैक्सी चला रहे हैं और इससे दुर्घटना को बढ़ावा मिल रहा है और ऐसे वाहन मालिकों और चालकों को क्लेम देना और जनता को असुरक्षा प्रदान करना गलत है जिसे उच्चतम न्यायालय की डबल बेंच द्वारा सही माना गया और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को दिशा निर्देश जारी किया की अप्रैल 2024 तक वह इस पर नोटिफिकेशन जारी कर दे नही तो स्वयं उच्चतम न्यायालय इस मामले में आदेश पारित कर देगा।
जानकार सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी द्वारा पता चला है की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सभी राज्यों के परिवहन आयुक्त को इस पर अपने विचार जल्द से जल्द भेजने का पत्र भेज दिया है और 30 अप्रैल से पहले या 30 अप्रैल को ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वालो के लिए ई रिक्शा की तरह ही ई कार्ट और ऑटो(तीन पहिया) की श्रेणी एलएमवी लाइसेंस से अलग देखने को मिलेगी जिससे आने वाले समय यानी मई से ऑटो चलाने वाले सभी वाहन चालकों को ऑटो श्रेणी का अपना ड्राइविंग लाइसेंस अलग से लेना अनिवार्य होगा और एलएमवी का ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले ऑटो(तीन पहिया) से अपना ड्राइविंग स्किल टेस्ट नही दे पाएंगे