जनता का सीएक्यूएम, दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग से छोटा सा सवाल
इजरायल द्वारा ग़ाज़ा पर अंदाजन 2 करोड़ 25 लाख विस्फोटक का प्रयोग किया पर वहा की वायु गुणवता पहले ग्रेप तक भी नहीं हुई तो दिल्ली में हिंदुओं के प्रमुख पर्व दिवाली पर पटाखे जलाने से प्रदुषण कैसे ?
अन्य उत्सव पर आतिशबाजी के बाद भी वायु गुणवता पर दुर्प्रभाव नही तो दिवाली पर पटाखे जलाने से रोक क्यों ?
ग़ाज़ा की एयर क्वालिटी 2 करोड़ 25 लाख किलोग्राम बम गिरने के बाद भी दिल्ली की एयर क्वालिटी से बेहतर है फिर दिवाली पर्व पर पटाखों के जलाने से दिल्ली में प्रदुषण कैसे ?
-दीपावली पर पटाखे को बैन करना क्या अपनी कम्मियो को छुपाने के लिए? और यह बात साबित हो गई है 6 नवंबर को यह लेख लिखा जा रहा है और इस वक्त गाजा में एयर क्वालिटी 70 से 80 के बीच में है जबकि दिल्ली में एयर क्वालिटी विभिन्न इलाकों में 500 से 600 यहां तक 900 के बीच में है
-आसान भाषा में समझें तो इन आंकड़ों का मतलब है कि अभी भी गाजा की एयर क्वालिटी दिल्ली के मुकाबले कई गुना बेहतर है जबकि गाजा के अंदर इसराइल पिछले एक महीने से लगातार स्मार्ट बम बरसा रहा है और अब तक 25,000 टन यानी दो करोड़ 25 लाख किलोग्राम बम बरसा चुका है
-दिल्ली में दिवाली पर छोटी-मोटी फुलझड़ी और अनार बम जला कर हिंदू जनता खुश होती है लेकिन छोटे-छोटे हिंदू बच्चों की यह खुशी वामपंथियों को बर्दाश्त नहीं होती है ! आज तो दिवाली नहीं है कहीं बम नहीं फट रहे हैं फिर भी दिल्ली की एयर क्वालिटी इतनी खराब है इसकी वजह पंजाब में जलने वाली पराली है।
गाजा और दिल्ली की तुलना से स्पष्ट होता है कि पटाखों का दिल्ली के प्रदूषण से कोई लेना देना ही नहीं है !
-लेकिन हिंदुओं को अपमानित करने के लिए हिंदुओं के त्योहार को खराब करने के लिए और हिंदुओ की भक्ति श्रद्धा को विचलित करने के लिए दीपावली के चार दिन दिन पहले से ही पटाखे को सख्ती से बैन करने की बातें कही जाती हैं
-हिंदू अपने ही देश में वामपंथी और जिहादियों के इस तरह के प्रोपेगेंडा से बुरी तरह तंग आ चुका है और दुःख यह है की सुप्रीम कोर्ट भी इस पर संज्ञान नही ले रहा और दिल्ली में ही नही पूरे भारत में कहीं भी पर्वो पर पटाखों पर प्रतिबंध है, उसे फौरन हटाए।