नमस्कार ,
25 मई 2024, को दिल्ली में आप और हम जो मतदान करने जा रहे हैं यह मतदान किसी स्थानीय निगम पार्षद या निकाय अध्यक्ष का नहीं है, सड़कें, गलियां, बिजली, पानी,आदि की व्यवस्थाएं कैसी हैं ? कचरा प्रबंधन कैसा है ? इन सबके लिए ये चुनाव नहीं हो रहा हैं। यह मुद्दे स्थानीय प्रशासन के विषय हैं इनके लिए वोट आने वाले दिल्ली के एमएलए और एमसीडी के चुनावों में पड़ेंगें !
हम दिल्ली का मुख्यमंत्री नहीं चुनने जा रहे हैं, जिससे कि राज्य या मुख्यमंत्री के बारे में सोचें ! इन चुनावों से किसी बिजली – पानी की सब्सिडी या बिल पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा ! इन चुनावों से दिल्ली का मुख्यमंत्री नहीं बदलेगा, बल्कि दिल्ली की सरकार बदलने के लिए वोट तो, 2025 में पड़ेंगें ! इस चुनाव से दिल्ली पूर्ण राज्य भी नहीं बन सकती, क्योंकि दिल्ली को पूर्ण राज्य केवल भारत की संसद बना सकती है, जिसमें लगभग 550 सदस्य होते हैं, और दिल्ली के उसमें से केवल 7 सदस्य ही होते हैं, अब आप ही सोचिए कि, 550 में से 7 क्या दिल्ली को पूर्ण राज्य बना सकते हैं ?
और हाँ, 550 में से 7 सीटें लेकर दिल्ली का मुख्यमंत्री पद छोड़कर, भारत का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता ! इसीलिए, भारत का प्रधानमंत्री चुनने के लिए ही वोट दें, किसी और चीज़ को चुनने के चक्कर में अपना वोट खराब न करें !
तीसरा, हम किसी जाति, मजहब, पंथ, धर्म या समुदाय, आदि का चुनाव भी नहीं कर रहे, जिससे कि चुना हुआ जनप्रतिनिधि, उसी जाति या समुदाय आदि का हो हम एक प्रधानमंत्री चुनने जा रहे हैं। जो कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा !
हमें ऐसा प्रधानमंत्री चुनना चाहिए, जिसकी तरफ पूरी दुनिया आकर्षित हो और हमारे देश को दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान मिले ! हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए, जो भारत का नाम दुनिया में ऊंचा कर सके ! हमें ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए, जो भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैल रहे आतंकवाद को जवाब दे सके व उसको खत्म करने का मजबूत संदेश पूरी दुनिया को दे सके ! जिसके राज में, देश में, कश्मीर से बाहर, एक भी व्यक्ति, आतंकवाद से न मरे। हमे ऐसा प्रधानमंत्री चुनना है जो अथक काम करते हुए, हमारे देश की जनता को आधारभूत सुविधाएं दे सके ! हमे ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए, जिसके दिल व दिमाग में केवल अपने परिवार, अपने समाज, अपने स्वार्थ, आदि के बजाए, राष्ट्र सर्वप्रथम की भावना हो, देश सर्वप्रथम की भावना हो, भारत सर्वप्रथम की भावना हो ! जो देश को झुकने नहीं देने की भावना रखता हो ! जो भारत के सवा सौ करोड़ देशवासियों को अपना परिवार मानता हो ! जो सबका साथ, सबका विकास चाहता हो !
सांसदों से जनता का कम ही सामना होता है क्योंकि सांसदों का मुख्य काम देश के लिए कानून बनाना है, न कि गलियाँ बनाना ! फिर भी सांसद अपने फण्ड से सड़कें बनवा सकते हैं, परंतु इसके लिए वह बाध्य नहीं हैं ! गलियाँ – सड़कें आदि बनाना, विधायकों व पार्षदों के काम हैं ।*
दूसरी बात, हमारा वोट सीधे अमेरिका की तरह, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को नहीं जाएगा ! बल्कि जिस पार्टी के सबसे ज़्यादा सांसद जितेंगें, उस पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बनेगा !
इसीलिए अपना वोट केवल उसी पार्टी को दें, जिसका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार, सबसे अच्छा हो ! एक बार सभी से निवेदन है कि देश में जितनी भी पार्टियां हैं उन सब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों को एक बार जरूर अपने ध्यान में लाएं और ध्यान करें कि उनमें से कौन सा व्यक्ति इस समय इस देश की रक्षा अखंडता के लिए अपने आपको न्योछावर कर सकता है जो देश को चला सकता है उन सभी को जानकर के तभी वोट डालें।
इस समय यह जो वोट डाले जा रहे हैं वह सिर्फ प्रधानमंत्री पद के डाले जा रहे हैं जिसमें आप सब की देश के प्रति भावना होनी चाहिए, ना कि स्वार्थ के प्रति
हमें यह अवसर पांच साल में एक बार ही मिलता है ! अतः आईये हम सब इस अवसर का भरपूर उपयोग करें तथा देश व राष्ट्रहित में एक मजबूत सरकार के गठन के लिए, अपने मताधिकार का प्रयोग करें व अपने आस – पास सभी लोगों का मतदान जरूर हो यह भी सुनिश्चित करें। इस चुनावी महायज्ञ में कोई भी मतदान से वंचित न रह जाये, इसका पूरा प्रयास करें !
धन्यवाद !