दिल्ली में निर्भया जैसी दुर्घटना दुबारा ना हो इसके लिए गृह मंत्री सचिव के नेतृत्व में कमिटी गठित हुई थी और साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय में उषा मेहरा की बेंच ने दिल्ली में सार्वजनिक सवारी सेवा में कार्यरत सभी वाहनों में जीपीएस/वीएलटीडी (पैनिक बटन) लगाना अनिवार्य करने के दिशा निर्देश जारी किए थे पर दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा आज तक पैनिक बटन कंट्रोल सेंटर ही नहीं बनाया और साथ ही दिल्ली में चलने वाले 1 लाख आटो में 2020 से ही जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम की अनिवार्यता समाप्त कर रखी थी पर पिछले महीने उसे शुरू करने के आदेश दिए थे पर अगले ही दिन आटो यूनियन के नेताओं के दबाव में आकर फिर से महिला सुरक्षा को दरकिनार कर इसको पुन: लागू करने के आदेश के बाद भी लागु नहीं किया। क्या दिल्ली परिवहन विभाग के लिए दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा से अधिक राजनीतिक वोट बैंक की कीमत ज्यादा है, बड़ा सवाल
संजय बाटला