दिल्ली सरकार जो अपनी कार्यशैली के अंतर्गत अपने पूरे कार्यकाल में प्रदुषण नियंत्रण का कोई हल नहीं कर पाईं वह अपनी खामियों के एवज के लिए दिल्ली परिवहन आयुक्त की कार्य क्षमता का फायदा उठाकर दिल्ली में वाहनों को पूर्ण रूप से प्रदुषण का जिम्मेदार ठहरवा कर प्रत्येक वाहन को दोषी करार कर 20000 रूपए का चालान काट कर दिल्ली सरकार का राजस्व भरवाने में लगे हैं और भारत देश की जनता और न्यायिक प्रणाली को गुमराह करने में लगे हैं। परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा की माने तो इन वाहनों के दिल्ली की सड़को पर चलने से ही दिल्ली में प्रदुषण बढ़ रहा है और प्रदुषण के नियत्रण के लिए दिल्ली परिवहन आयुक्त के आदेश पर प्रवर्तन शाखाएं कर रहे हैं गाड़ियों के चालान।
राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन ज्यादा होने के कारण ग्रिड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान को लागू किया हुआ है और ग्रेप के तहत नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए दिल्ली में 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है और पर्यावरण विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी को इस टास्क फोर्स का नेतृत्व का कार्य सोपा गया हैं।
3 नवंबर से दिवाली तक 19 हजार से ज्यादा वाहनों के चालान प्रदूषण फैलाने की धारा में कट चुके थे।
3 से 15 नवंबर के बीच 754 ओवरलोड गाड़ियों के भी चालान किए जा चुके थे और इसके साथ 6046 ट्रकों को सीमा से वापस लौटाया गया पर फिर भी दिल्ली की सीमा में पाए गए 1,316 ट्रकों का चालान भी किया जा चुका हैं।
सभी श्रेणी के वाहन चालकों से प्रति वाहन बीस हजार रूपए चालान राशि के नाम पर वसूले गए। दिल्ली सरकार के प्रवक्ता द्वारा बताया गया 16,689 बीएस 3 और बीएस 4 गाड़ियों का चालान किया गया हैं और नियम का उल्लंघन करने वाले इन सभी वाहन चालकों से चालान के बीस-बीस हजार रुपए वसूले गए हैं। वाहनों के प्रदुषण प्रमाण पत्र की जॉच के तहत 3 नवंबर से अब तक 19,227 पीयूसी चालान किए गए हैं और अवरोधक पार्किंग के लिए 584 चालान के साथ 1,085 नोटिस भी जारी किए गए और 44 वाहनों को यातायात क्रेन (Crane) द्वारा खींच लिया गया। इसके अलावा यातायात के प्रवाह के खिलाफ ड्राइविंग के लिए 61 चालान और नो एंट्री नियमों के उल्लंघन के लिए 263 चालान जारी किए गए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एंटी ओपन बर्निंग अभियान के तहत 611 टीमें काम कर रही हैं, जिन्होंने अब तक 154 चालान किए और 3.95 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और साथ ही लगभग 929 रोटी वाले तंदूर तोड़े हैं।
राजधानी में कंस्ट्रक्शन डिमोलिशन एक्टिविटी पर नजर रखने के लिए 581 टीमें काम कर रही हैं। ग्रैप नियमों के तहत 3895 कंस्ट्रक्शन साइट्स का निरीक्षण किया गया और 921 चालान किए और उनसे जुर्माने के रुप में 1.85 करोड लिए जा चुके हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रदुषण नियंत्रण के नाम पर दिल्ली सरकार के राजस्व में अरबों रुपए का इज़ाफा हो चुका है और उसके बावजूद दिल्ली की जनता झेल रही है वहीं प्रदुषण और इन सभी तथ्यों से साफ पता लग रहा है की इस मुहिम में दिल्ली सरकार के राजस्व में इज़ाफा करवाने का सबसे बड़ा श्रेय जाता हैं दिल्ली परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा को
संजय बाटला