परिवहन विशेष। एसडी सेठी। डीटीसी का लोगो लगा कर चल रही ईलैक्ट्रिक बसे और क्लस्टर बसें इन दिनों दिल्ली वालों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। नवंबर महीने में ही इन इलेक्ट्रिक और औरेंज कलर की बसों ने तीन भयावह एक्सीडेंट कर दिए हैं। जिनमें आधे दर्जन लोगों की जाने जा चुकी है और दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इसी क्रम में आज रविवार को सुबह रोहिणी के ईएसआई अस्पताल और सचदेवा स्कूल के सामने के एन काटजू मार्ग पर डीटीसी के तहत शाहाबाद डेयरी से जनक पुरी रूट पर चलने वाली ईलैक्ट्रिक बस रूट नंबर 879 टर्न लेते वक्त कंट्रोल से बाहर होकर पलट गई। इस बस में सवार यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती किया गया है। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई गई है। आज ही दूसरे एक्सीडेंट की खबर भी है। डीटीसी के तहत ईलैक्ट्रिक और औरेंज बसें आपस में टकरा गई। बसें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गयी। यहां भी सवारियों समेत ड्राइवर के घायल होने की खबर है। बहरहाल आम लोगों को अब इन बसों में फ्री की सवारी में भी डर सताने लगा है। उल्लेखनीय है कि 4 नवंबर को रोहिणी सेक्टर-4 स्थित मदर डिवाइन स्कूल के सामने डीटीसी ईलैक्ट्रिक नीली बस के ड्राइवर को मिर्गी -बेहोशी आने की वजह से तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके अलावा दर्जनों टू व्हीलरों को रौंद डाला था। वहीं औरेंज कलर की क्लस्टर बस ने सुबह के समय ही लिबर्टीज सिनेमा रोहतक रोड पर सडक किनारे बैठे गाडिया लुहारों को रौंद डाला था।
दिल्ली की जनता को दिल्ली सरकार और परिवहन आयुक्त ने मिलकर जिस तरह सड़को पर मरने के हालात उत्पन्न कर दिए हैं क्या वह उच्च न्यायालय दिल्ली और उच्चतम न्यायालय भारत को दिख नहीं रहे जो अब तक उन्होने इस पर कोई संज्ञान नही लिया।