दिल्ली परिवहन विभाग के अंर्तगत आने वाली प्रवर्तन शाखा और फिटनेस शाखा के आला अधिकारी डिप्यूटी कमिश्नर ओम धोले और स्पेशल कमिश्नर शहजाद आलम ही है और उनके द्वारा जारी अधुरे दिशा निर्देशों / आदेशों के फायदे उठा रहे है शाखा कर्मचारी। दिल्ली में प्रदुषण नियंत्रण के लिए यूरो VI के अतिरिक्त किसी अन्य डीजल वाहनों को चलने की बंदिश के दिशा निर्देश जारी है जिसके तहत परिवहन विभाग से ऑनलाईन समय प्राप्त कर अपने वाहन की फिटनेस करवाने वाले भी मालिक है पर प्रवर्तन शाखा के अधिकारी उन्हे फिटनेस शाखा जाने की छुट नही दे रहें जबकि उनके पास फिटनेस के लिए प्राप्त आनलाइन तारीख और समय के सबूत उपल्ब्ध है और फिटनेस शाखा वाले समय सीमा पर वाहन ना पहुंचने पर वाहन मालिक से समय पर फिटनेस प्रमाण पत्र नही प्राप्त करने के बदले प्रतिदिन के जुर्माने के साथ पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण की फीस जमा करने पर ही फिटनेस की इजाजत दे रहा है।
अब यह सवाल उठता है कि यहां पर वाहन मालिक की क्या गलती है जो परिवहन विभाग उसके वाहन को समय पर फिटनेस नहीं प्राप्त करने दे रहा है और ऊपर से उस पर जुर्माना और पंजीकरण प्रमाण पत्र के नवीनीकरण की फीस भी मांग रहा है और जब बिना फिटनेस के वाहन रहेगा तब कोई हादसा या दुर्घटना हो गई तो बीमा कंपनी भी क्लेम नही देगी।
कितना अच्छा है ना परिवहन विभाग द्वारा जारी अधुरा दिशा निर्देश जिसमे परिवहन विभाग की चांदी और वाहन मालिक का बुरा हाल
संजय बाटला