रैपिड रेल पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एक उत्तम माध्यम है। मोदी के मार्गदर्शन में यह रेल दिल्ली से मेरठ की दूरी को कम कर देगी। इससे पहले मेरठ को 12 लेन के एक्सप्रेस हाईवे के साथ जोड़ा था जिसमे सफर तय करने में चार घण्टे लगते थे पर वन्दे भारत ट्रेन में मात्र 50 से 55 मिनट लगेंगे।
पिछले साढ़े 9 वर्ष के अंदर इस देश ने वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को देखा है। एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन बने, अमृत भारत के अंदर 500 रेलवे स्टेशन के पुनरोद्धार का कार्य जिस गति के साथ चला है आज वह भारत की जनता देख रही है। वंदे भारत ट्रेन ने एक नए भारत का दर्शन कराया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर की दौड में मोदी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में देश नए इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्शन कर रहा है। उत्तर प्रदेश के 5 शहर ऐसे हैं जहां अत्याधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था के रूप में मेट्रो रेल का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है फरवरी में आगरा में मेट्रो रेल का संचालन प्रायोरिटी सेक्शन में प्रारंभ होगा। यही नहीं, वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के धाम और देश की सबसे प्राचीन अविनाशी काशी में भी उसकी पुरातन काया को नए कलेवर में बदलते हुए देश की पहली रोपवे सर्विस का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। यह नया इंफ्रास्ट्रक्चर, हाईवे के रूप में, एक्सप्रेस हाईवे के रूप में, ईस्टर्न एंड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के रूप में और लॉजिस्टिक हब के रूप में स्थापित करने के जो प्रयास प्रारंभ हुए हैं उसके चमत्कारिक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और इस अत्याधुनिक वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ते हुए देख रहे है।
पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच का यह रूट 17 किलोमीटर लंबा है। इस रूट पर 5 स्टेशन, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं।
डीपीआर के अनुमान के मुताबिक, ट्रेन का किराया करीब 2 रुपए प्रति किमी होगा। दिल्ली मेट्रो की सात लाइनों पर रैपिड लाइन की कनेक्टिविटी होगी। इसे मुनिरका, आईएनए और एरोसिटी से जोड़ा जाएगा। यात्री मोबाइल और कार्ड के माध्यम से टिकट खरीद सकते है। इस रेल कोच के आखिरी डिब्बे में स्ट्रेचर का इंतजाम किया गया है. अगर किसी मरीज को मेरठ से दिल्ली रेफर किया जाता है तो इसके लिए एक अलग कोच की व्यवस्था है, ताकि कम कीमत में मरीज को पहुंचाया जा सके। दिव्यांगों के लिए अलग चेयर तैयार की गई है, जिन्हें इस्तेमाल न होने की सूरत में मोड़ा जा सकेगा। इस ट्रेन की सीटें बेहद आरामदायक बनाए गए हैं। ट्रेन में एडजस्टेबल चेयर हैं। इसके साथ ही खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। ट्रेन में वाईफाई की सुविधा, मोबाइल-यूएसबी चार्जर होंगे
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी यह सेमी हाई स्पीड ट्रेन। 82 किलोमीटर लंबे इस प्रोजेक्ट के जून 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. आरआरटीएस द्वारा इस प्रोजेक्ट को 2019 में शुरू किया गया था। आरआरटीएस के द्वारा इस रैपिड रेल परियोजना को रैपिडेक्स का नाम दिया गया है दिल्ली से मेरठ के बीच पूरे रुट के निर्माण के बाद कुल 30 रैपिड ट्रेनों को चलाने की तैयारी है।
सरकार ने ऐसी आठ लाइन की पहचान की है जिनका विकास आरआरटीएस प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। फर्स्ट फेज में तीन कॉरीडोर का निर्माण एनसीआरटीसी करेगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुड़गांव-निमराणा-अलवर और दिल्ली-पानीपत। बाकी बचे पांच कॉरिडोर जहां ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी वह हैं –
1.दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लबगढ़-पलवल,
2. गाजियाबाद-खुर्जा,
3. दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक,
4. गाजियाबाद-हापुड़ और
5. दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत।